PROBA-3 मिशन: बड़ी सफलता! इसरो के PSLV-C59 रॉकेट ने प्रोबा-3 सैटेलाइट को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया

PSLV-C59/Proba-3 मिशन: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का PSLV C-59 रॉकेट गुरुवार को एक ऐतिहासिक मिशन में उड़ान भरने में सफल रहा। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के ‘प्रोबा-3’ मिशन को लेकर यह रॉकेट शाम 4:04 बजे अंतरिक्ष की ओर रवाना हुआ। जैसे ही ESA का यह स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हुआ, ISRO के बेंगलुरु स्थित मुख्यालय में खुशी की लहर दौड़ गई। श्रीहरिकोटा स्थित मिशन कंट्रोल सेंटर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। ISRO के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने लॉन्च से जुड़े सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी।

प्रोबा-3 मिशन, यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) और इसरो के बीच एक संयुक्त प्रयास है. 

इस मिशन के तहत, इसरो ने दो सैटेलाइट लॉन्च किए हैं:

कोरोनाग्राफ़ स्पेसक्राफ़्ट (CSC) 

ऑक्लटर स्पेसक्राफ़्ट (OSC) 

इन दोनों सैटेलाइट का वज़न 550 किलोग्राम है. 

लॉन्चिंग के बाद, इन दोनों सैटेलाइट को एक साथ पोज़िशन किया जाएगा, ताकि ये सूर्य के कोरोना का अध्ययन कर सकें. 

इस मिशन के ज़रिए, वैज्ञानिक अंतरिक्ष के मौसम और सौर हवाओं की स्टडी कर पाएंगे. 

इस मिशन के लिए, इसरो के पीएसएलवी-सी59 रॉकेट का इस्तेमाल किया गया. 

इस रॉकेट को छह बड़े ठोस प्रणोदक स्ट्रैप-ऑन मोटर्स से सुसज्जित किया गया है. 

यह रॉकेट, विभिन्न कक्षाओं में पेलोड लॉन्च करने में सक्षम है. 

इस मिशन को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था. 

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