बांग्लादेश के चटगांव में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने मंगलवार को इस्कॉन के धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद, चिन्मय प्रभु ने कोर्ट परिसर में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कानून के अनुसार आंदोलन जारी रखने का फैसला किया।
भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और जमानत न मिलने पर गहरी चिंता व्यक्त की है, साथ ही बांग्लादेश से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।यह घटना बांग्लादेश में हाल ही में अल्पसंख्यक हिंदुओं और अन्य समुदायों पर हुए कई हमलों के बाद सामने आई है। इन हमलों में अल्पसंख्यकों के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में आगजनी, लूटपाट, चोरी, तोड़फोड़ और मंदिरों व देवताओं की अपवित्रता जैसी घटनाएं शामिल हैं।
यह गिरफ्तारी 22 नवंबर को रंगपुर में हिंदू समुदाय के समर्थन में आयोजित एक रैली के बाद हुई, और माना जा रहा है कि इस वजह से उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई। खबरों के मुताबिक, मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार नहीं चाहती थी कि चिन्मय कृष्ण दास देश से बाहर जाएं, जिसके कारण उन्हें एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया। अब इस पूरे घटनाक्रम पर भारत सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
भारत सरकार ने एक बयान में कहा कि उसने श्री चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और जमानत से इनकार किए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। यह घटना बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों पर किए गए हमलों के बाद आई है। इन हमलों में अल्पसंख्यकों के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में आगजनी, लूटपाट, चोरी, तोड़फोड़ और मंदिरों व देवताओं की अपवित्रता के कई मामले शामिल हैं।