छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के दरिमा गांव में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जिसने न केवल स्थानीय लोगों को चौंका दिया, बल्कि पूरे इलाके में अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के खतरनाक प्रभाव पर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए। एक 35 वर्षीय युवक, आनंद यादव ने संतान प्राप्ति के लिए अंधविश्वास के चलते जिंदा मुर्गा निगलने की कोशिश की, जिससे उसकी दम घुटने के कारण मौत हो गई। इस घटना ने इस बात को फिर से साबित किया कि अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के खतरनाक प्रभावों से न केवल किसी की जान जा सकती है, बल्कि यह समाज में गहरे मानसिक और भावनात्मक दबावों को भी जन्म दे सकता है।
घटना का विवरण
14 दिसंबर 2024 को दरिमा गांव में आनंद यादव नामक युवक अपने घर पर था, जब अचानक वह बेहोश होकर गिर पड़ा। उसे अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसकी मौत के कारण को लेकर अस्पष्टता थी, और इस रहस्य को सुलझाने के लिए पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया। पोस्टमार्टम के दौरान जो हैरान करने वाली जानकारी सामने आई, वह यह थी कि युवक के गले में एक साबुत जिंदा मुर्गा फंसा हुआ था, जिसे उसने निगलने की कोशिश की थी। डॉक्टरों ने बताया कि मुर्गा युवक के गले में फंस गया था, जिससे उसकी सांस रुक गई और उसकी मौत हो गई।
यह घटना न केवल चिकित्सा दृष्टिकोण से विचित्र थी, बल्कि इसने यह सवाल भी खड़ा किया कि एक व्यक्ति अंधविश्वास के चलते इस तरह के खतरनाक कदम क्यों उठाता है। डॉक्टरों का कहना था कि चूजे के शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं थे और उसके पंख भी पूरी तरह से सुरक्षित थे, जिससे यह पुष्टि हुई कि मुर्गा जिंदा था जब उसे निगलने की कोशिश की गई।
आनंद यादव का जीवन और मानसिक तनाव
आनंद यादव की शादी हो चुकी थी, लेकिन संतान न होने के कारण वह काफी मानसिक तनाव का शिकार था। उसका परिवार कहता है कि वह लंबे समय से संतान प्राप्ति के लिए झाड़-फूंक, तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास के उपायों को अपना रहा था। वह किसी तांत्रिक के संपर्क में था, जिसने उसे संतान प्राप्ति के लिए जिंदा मुर्गा निगलने की सलाह दी थी। यह अंधविश्वास का हिस्सा था कि अगर वह जिंदा मुर्गा निगलेगा, तो उसकी समस्या हल हो जाएगी और उसे संतान प्राप्ति होगी।
आनंद का यह मानसिक दबाव और अंधविश्वास ने उसे इस खतरनाक कदम को उठाने के लिए प्रेरित किया। कई मामलों में देखा गया है कि लोग मानसिक तनाव और जीवन की समस्याओं से बचने के लिए तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास का सहारा लेते हैं। आनंद की यह दुखद घटना इस बात का प्रमाण है कि जब लोग अंधविश्वास के जाल में फंस जाते हैं, तो उनके जीवन और स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
पुलिस जांच और संभावित कारण
इस घटना के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि यह मामला अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र से जुड़ा हो सकता है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आनंद ने यह खतरनाक कदम क्यों उठाया। प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि आनंद किसी तांत्रिक के संपर्क में था, जिसने उसे यह सलाह दी थी।
पुलिस यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि क्या इस घटना में किसी अन्य व्यक्ति की भूमिका है। क्या तांत्रिक ने आनंद को यह सलाह दी, या फिर आनंद ने अपने मानसिक दबाव के कारण यह कदम उठाया? पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं इस घटना में शराब के नशे का भी हाथ तो नहीं था, क्योंकि आनंद शराब का आदी था और हो सकता है कि शराब के प्रभाव में उसने यह कदम उठाया हो।
डॉक्टरों का कहना
पोस्टमार्टम करने वाली मेडिकल टीम ने इस घटना को एक बेहद विचित्र मामला बताया। डॉक्टरों ने कहा कि उन्होंने 15,000 से अधिक पोस्टमार्टम किए हैं, लेकिन ऐसा मामला पहले कभी नहीं देखा। डॉक्टरों के मुताबिक, मुर्गा युवक के गले में फंसा हुआ था, जिससे उसकी सांस रुक गई और उसकी मौत हो गई। यह घटना न केवल चिकित्सा दृष्टिकोण से विचित्र थी, बल्कि इसने यह भी दिखाया कि अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के प्रभाव से व्यक्ति अपने जीवन को खतरे में डाल सकता है।